कुबेरनाथ राय के उद्धरण
गांगेय संस्कृति ही भारतीय संस्कृति का केंद्रीय रूप है और इस संस्कृति का ‘निमित्त कारण’ है ‘आर्य’ और उपादान कारण है ‘निषाद’ या ‘निषाद-द्राविड़’।
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