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गुरु नानक के उद्धरण

एक प्रभु ही सुंदर पालनहार पति है। उस प्रभु का एक ही दर है। जहाँ कभी किसी को अपनानित नहीं किया जाता। इस दर तक पहुँचने के लिए गुरु रूपी सीढ़ी (पौड़ी); भाव, सिमरन ही एक सीधा रास्ता है।