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जे. कृष्णमूर्ति के उद्धरण

एक कलाकार महत्वाकांक्षी हो कैसे सकता है? यदि वह महत्त्वाकांक्षी है, तो वह कलाकार है ही नहीं।

अनुवाद : हरीश