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अज्ञेय के उद्धरण

दुःख सबको भाँजता है और— चाहे स्वयं सबको मुक्ति देना वह न जाने, किंतु जिनको भाँजता है उन्हें यह सीख देता है कि सबको मुक्त रखें।