Font by Mehr Nastaliq Web

श्रीलाल शुक्ल के उद्धरण

धीरे-धीरे अँग्रेज़ी न जाननेवाले हिंदी लेखक, अल्पसंख्यकों की कोटि में आ गए। अब तो वे सिर्फ़ गिने-चुने रह गए हैं और ऐसे लेखकों की संख्या बढ़ रही है जो अँग्रेज़ी ज़्यादा और हिंदी कम जानते हैं।