Font by Mehr Nastaliq Web

वेदव्यास के उद्धरण

धनंजय! काल ही इन सबका मूल है, वह समस्त संसार का बीज है तथा काल हो अपनी इच्छानुसार सबको (संहार कर) स्वयं में धारण कर लेता है।