तिरुवल्लुवर के उद्धरण

बुद्धिमानों की मित्रता बढ़ते हुए बालचंद्र के समान, तथा, मूर्खों की मित्रता घटते हुए पूर्ण चंद्र के समान होती है।
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संबंधित विषय : मूर्ख
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