Font by Mehr Nastaliq Web

राजेंद्र माथुर के उद्धरण

भारत में संविधान का जन्म वैसे ही हुआ जैसे बाइबिल में पृथ्वी का जन्म बतलाया गया है। ईश्वर ने कहा कि संविधान हो और वह हो गया। संविधान की उत्पत्ति के पहले अंधकार था और उस अंधकार का मालिक विदेशी था। वह निराकार ब्रह्म की तरह अंधकार पर छाया हुआ था। तब न सूरज था, न चाँद-सितारे थे, न समुद्र था, न आकाश। तब न प्रधानमंत्री थे, न संसद थी, न चुनी हुई नगरपालिकाएँ थी। 15 अगस्त 1947 के बाद ब्रह्मा ने चाहा कि यह सब हो, और वह हो गया।