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वेदव्यास के उद्धरण

आलस्य सुखरूप प्रतीत होता है परंतु उसका अंत दुःख है तथा कार्यदक्षता दुःखरूप प्रतीत होती है परंतु उससे सुख का उदय होता है।

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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