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गुरु नानक के उद्धरण

अगर कपड़े को लहू लग जाए, तो कपड़ा (चोला) अपवित्र हो जाता है और नमाज़ नहीं हो सकती, परंतु जो लोग मनुष्यों का लहू पीते है; ज़ोर-ज़बरदस्ती करके हराम की कमाई खाते हैं, उनका मन कैसे पवित्र रह सकता है?