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राजेंद्र माथुर के उद्धरण

अगर हमें संस्कृति से प्रेम हो तो मूर्ति मंदिर में रहनी चाहिए। अगर हम संस्कृति बदलना चाहते हों तो मूर्ति राष्ट्रीय रक्षाकोष में दे देनी चाहिए, लेकिन मूर्ति को बाज़ार में लाना तो सबसे बुरा मार्ग है।