अभय, अन्तःकरण की शुद्धता, ज्ञान मार्ग और योग मार्ग में विशेष स्थिति, दान, दम, यज्ञ, स्वाध्याय, तप, सरलता, अहिंसा, सत्य, अक्रोध, त्याग, शांति, चुग़ली न करना, भूतों पर दया, अलोलुपता, मृदुता, लज्जा, चंचलता का न होना, तेजस्विता, क्षमा, धृति, पवित्रता, द्रोह का अभाव, निरभिमानता, ये लज्ञण, दैवी संपत्ति लेकर उत्पन्न हुए मनुष्य में होते हैं।