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वेदव्यास के उद्धरण

आत्मज्ञान, कार्यों का सभारंभ, तितिक्षा, धर्म में स्थिरता—ये सब गुण जिसको उद्देश्य से दूर नहीं हटाते, उसी को पंडित कहा जाता है।