उद्धरण
उद्धरण श्रेष्ठता का संक्षिप्तिकरण हैं। अपने मूल-प्रभाव में वे किसी रचना के सार-तत्त्व सरीखे हैं। आसान भाषा में कहें तो किसी किताब, रचना, वक्तव्य, लेख, शोध आदि के वे वाक्यांश जो तथ्य या स्मरणीय कथ्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, उद्धरण होते हैं। भाषा के इतिहास में उद्धरण प्रेरणा और साहस प्रदान करने का काम करते आए हैं। वे किसी रचना की देह में चमकती आँखों की तरह हैं, जिन्हें सूक्त-वाक्य या सूक्ति भी कहा जाता है। संप्रेषण और अभिव्यक्ति के नए माध्यमों में इधर बीच उद्धरणों की भरमार है, तथा उनकी प्रासंगिकता और उनका महत्त्व स्थापना और बहस के केंद्र में है।
वेदांतदेशिका
वृंदावनलाल वर्मा
हिन्दी के ऐतिहासिक उपन्यासकार, कहानीकार और नाटककार। रोचक और धाराप्रवाह वर्णनात्मक शैली। भाषा में बुंदेलखंडी पुट।
वर्जीनिया वुल्फ़
20वीं सदी की प्रमुख आधुनिकतावादी लेखिका और नारीवादी विचारक। लेखन में चेतना-प्रवाह शैली के लिए उल्लेखनीय।
वल्लथोल नारायण मेनन
वल्लभाचार्य
वाल्टर सैवेज लैंडर
विजय देव नारायण साही
समादृत कवि-आलोचक। ‘जायसी’ शीर्षक आलोचना-पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।
सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार। साहित्य अकादेमी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।
वियोगी हरि
शुक्लयुगीन हिंदी गद्यकार और ब्रज भाषा के कवि। गांधीवाद के अनुसरण और दलित सेवा के लिए भी उल्लेखनीय।
विलियम कांग्रेव
विलियम ब्लेक
विलियम ब्लैकस्टोन
विलियम स्टैनले मर्विन
विलियम हेज़लिट
विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर
विष्णु खरे
समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक। कविता का एक अलग मुहावरा गढ़ने और काव्य-विषय-वैविध्य के लिए उल्लेखनीय।
वी. एस. नायपॉल
अँग्रेज़ी के प्रख्यात गल्पकार। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित।
वॉलेस स्टीवंस
सुप्रसिद्ध आधुनिकतावादी कवि। प्रतीकात्मक और दार्शनिक काव्य-दृष्टि के लिए उल्लेखनीय।