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पत्र

पत्र पढ़िए हिंदी के श्रेष्ठ और लोकप्रिय पत्र वे कथ्य, वे बातें, वे भावनाएँ और वे विचार जिन्हें प्राय: किसी को व्यक्तिगत रूप से प्रेषित-संप्रेषित किया जाता है; हम ‘पत्र’ कहते हैं। ‘पत्र’ बहुत प्राचीन हैं—वृक्षों और उनके पत्तों (पत्रों) जितने प्राचीन। उन्हें लिखने और भेजने के माध्यम समय के साथ-साथ बदलते रहे हैं। उन्हें पढ़ने और पाने का समय भी समय-समय पर परिवर्तित होता रहा है। आज के आधुनिक दौर में वे तत्काल भेजे, पाए और पढ़े जा सकते हैं। ‘पत्र’ कभी-कभी सार्वजनिक तौर पर भी लिखे जाते हैं। इस प्रकार के पत्रों को ‘खुला पत्र’ कहते हैं। साहित्य और अभिव्यक्ति के इलाक़े में ‘पत्र’ विधा बहुत सशक्त, प्रतिष्ठित और लोकप्रिय है।

युगप्रवर्तक साहित्यकार-पत्रकार। ‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादक के रूप में हिंदी नवजागरण में महत्त्वपूर्ण योगदान।

नई कहानी दौर के प्रसिद्ध कथाकार। नाट्य-लेखन के लिए भी प्रख्यात। संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित।