कवियों की सूची

सैकड़ों कवियों की चयनित कविताएँ

किशनगढ़ (राजस्थान) नरेश। प्रेम, भक्ति और वैराग्य की साथ नखशिख की सरस रचनाओं के लिए ख्यात।

पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय के अष्टछाप कवियों में से एक। गोस्वामी विट्ठलदास के शिष्य। पदों के शिल्प-वैशिष्ट्य के कारण प्रसिद्ध।

कृष्ण-भक्त कवि। सरस और हृदयग्राहिणी रचना ‘सुदामा चरित’ प्रसिद्धि का आधार-ग्रंथ।

आधुनिक खड़ी बोली के प्रारंभिक कवियों में से एक। बहुभाषी। 'गर्भरंडा रहस्य' नामक कृति से चर्चित।

भारतेंदु युगीन कवि। पुरानी परिपाटी के लेखन में सक्रिय होने के साथ-साथ भाषा की नवीन गति के प्रवर्तन में भी भागीदार।

रीतिकालीन कवि और भावानुवादक। परिमार्जित, व्यवस्थित और भावानुरूप भाषा के लिए स्मरणीय।

नाथ परंपरा के कवि। चर्पटनाथ के शिष्य। असार संसार में लिप्त जीवों की त्रासदी के सजीव वर्णन के लिए स्मरणीय।

सितारगढ़ नरेश शंभुनाथ सिंह सोलंकी ही 'नृप शंभु', 'शंभु कवि' और 'नाथ कवि' के नाम से प्रचलित हैं। 'काव्य निराली' नामक ग्रंथ से इनकी प्रसिद्धि है। अनेक कवियों के आश्रयदाता होने के कारण इन्हें 'कवि कोविदों का कल्पवृक्ष' भी कहा जाता है।

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