Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

रामप्रसाद सेन

1723 - 1775 | पश्चिम बंगाल

रामप्रसाद सेन के उद्धरण

हे तारा, तुमने बार-बार मुझे जो दुख दिया है और दे रही हो, वह ही तुम्हारी कृपा है।

Recitation