पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' की कहानियाँ
गंगा, गंगदत्त और गांगी
गंगा... महात्मा वेदव्यासजी ने महाभारत में लिखा है- गंगापुत्र भीष्म के पिता श्री शांतनु महाराज को देखते ही बूढ़ा प्राणी जवान हो जाता था। मगर, मैं भूल कर रहा हूँ। वह भीष्म के पिताजी नहीं, दादाजी थे, जिनमें उक्त गुणों का आरोप महाभारतकार ने किया है। एक