1953 | मथुरा, उत्तर प्रदेश
सुपरिचित कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय। 'ज़िल्लत की रोटी' शीर्षक से एकमात्र कविता-संग्रह प्रकाशित।
सुपरिचित कवि-लेखक। वैचारिक प्रतिबद्धता के लिए उल्लेखनीय। 'ज़िल्लत की रोटी' शीर्षक से एकमात्र कविता-संग्रह प्रकाशित।
जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।
पास यहाँ से प्राप्त कीजिए