Font by Mehr Nastaliq Web
noImage

कृपानिवास

कृपानिवास की संपूर्ण रचनाएँ

दोहा 3

प्रथम चारु शीला सुभग, गान कला सु प्रवीन।

जुगुल केलि रसना रसित, राम रहस रसलीन॥

  • शेयर

हेमा कर वीरी सदा, हँसि दंपति मुख देत।

संपति राग सुहाग की, सौभागिनि उर हेत॥

  • शेयर

क्षेमा समै प्रबंध कर, वसन विचित्र बनाय।

सुरुचि सुहावन सुखद सब, पिय प्यारी पहिराय॥

  • शेयर
 

पद 13

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए