Ghanshyam Kumar Devansh's Photo'

घनश्याम कुमार देवांश

1986 | गोंडा, उत्तर प्रदेश

नई पीढ़ी के कवि-नाटककार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी के कवि-नाटककार। भारतीय ज्ञानपीठ के नवलेखन पुरस्कार से सम्मानित।

घनश्याम कुमार देवांश का परिचय

नई पीढ़ी के कवि-नाटककार घनश्याम कुमार देवांश का जन्म जन्म 2 जून 1986 को गोंडा, उत्तर प्रदेश में हुआ। वह पेशे से हिंदी के अध्यापक हैं और एक प्रतिष्ठित पब्लिक स्कूल से संबद्ध हैं। इसके साथ ही कविता, कहानी, नाटक, पटकथा, समीक्षा आदि विभिन्न साहित्यिक विधाओं में उनकी सक्रियता बनी हुई है। 
कविता में उनका प्रवेश और चर्चा भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार के साथ हुआ जहाँ पुरस्कृत कविता-पांडुलिपि का प्रकाशन ‘आकाश में देह’ शीर्षक से हुआ है। उनके संग्रह को एक ऐसे कवि के पहले क़दम के रूप में देखा गया है जो चमकती हुई पत्रिकाओं और उस से भी ज़्यादा चमकते हुए कवि परिवार/परंपरा से नहीं आता, बल्कि उसकी आवाज़ इस परंपरा की निषेध की आवाज़ है। यह आवाज़ किसी विरोध या समर्थन में नारे नहीं लगाती, बस एक कविता की शक्ल में आपके सामने आ खड़ी होती है। वह सोशल मीडिया और मुखर साहित्यिक गतिविधियों से दूर अपनी रचनात्मकता की दुनिया में रहना अधिक पसंद करते हैं। उनकी कुछ सक्रियता ब्लॉग जगत में भी रही है। 
उनकी एक नाट्य-कृति ‘हस्तिनापुर की एक निर्वासित स्त्री’ शीर्षक से प्रकाशित है। भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन पुरस्कार के अतिरिक्त उन्हें मोहन राकेश सम्मान से पुरस्कृत किया गया है। 

Recitation

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए