वाराणसी के रचनाकार

कुल: 7

कबीर

1398 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

रैदास

1398 - 1518

भक्ति की ज्ञानमार्गी एवं प्रेममार्गी शाख़ाओं के मध्य सेतु। मीरा के गुरु।

आठवें दशक के प्रमुख कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

नई पीढ़ी की कवयित्री। शोध, गद्य-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।

प्राचीन शैली में लिखने वाले आधुनिक कवियों में से एक। अलंकार ग्रंथ 'भारती भूषण' कीर्ति का आधार ग्रंथ।

संस्कृत-हिंदी-अँग्रेज़ी के रचनाकार। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग से संबद्ध रहे।

नई पीढ़ी के कवि। दलित-संवेदना-सरोकारों के लिए उल्लेखनीय। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित।

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