वाराणसी के रचनाकार

कुल: 19

धूमिल

1936 - 1975

‘अकविता’ आंदोलन के समय उभरे हिंदी के चर्चित कवि। मरणोपरांत साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

कबीर

1398 - 1518

मध्यकालीन भक्ति-साहित्य की निर्गुण धारा (ज्ञानाश्रयी शाखा) के अत्यंत महत्त्वपूर्ण और विद्रोही संत-कवि।

रैदास

1398 - 1518

भक्ति की ज्ञानमार्गी एवं प्रेममार्गी शाख़ाओं के मध्य सेतु। मीरा के गुरु।

द्विवेदीयुगीन निबंधकार और अनुरचनाकर। विदेशी व्यक्तित्वों के जीवनी-लेखक के रूप में भी योगदान।

नई पीढ़ी के कवि-लेखक।

साहित्यकार, शिक्षाविद् और राजनेता। भारतीय सांस्कृतिक और समाजवादी विचारों के लिए उल्लेखनीय।

सुचर्चित गीतकार।

समादृत कवि-आलोचक। ‘जायसी’ शीर्षक आलोचना-पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी की कवयित्री। शोध, गद्य-लेखन और अनुवाद-कार्य में भी सक्रिय।

नई पीढ़ी की कवयित्री।

रीतिकालीन कवि। वीरकाव्य के रचयिता।

सुपरिचित कवि-आलोचक।

समादृत कवि-लेखक और अनुवादक। ‘कवि’ पत्रिका के संपादक। ‘मुक्तिबोध की आत्मकथा’ शीर्षक पुस्तक के लिए उल्लेखनीय।

सुपरिचित कवि।

सुपरिचित कवि-लेखक।

नई पीढ़ी के कवि।

समादृत बांग्ला कवि-लेखक-फ़िल्मकार। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

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