आगरा के रचनाकार

कुल: 7

रीतिकालीन जैन कवि। संगीत, ज्योतिष और हिंदी, गुजराती, बंगला और फ़ारसी जैसी कई भाषाओं के जानकार।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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