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भैया भगवतीदास

1649 - 1703 | आगरा, उत्तर प्रदेश

रीतिकालीन जैन कवि। संगीत, ज्योतिष और हिंदी, गुजराती, बंगला और फ़ारसी जैसी कई भाषाओं के जानकार।

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