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आगरा के रचनाकार

कुल: 7

रहीम

1556 - 1627

भक्तिकाल के प्रमुख कवि। व्यावहारिक और सरल ब्रजभाषा के प्रयोग के ज़रिए काव्य में भक्ति, नीति, प्रेम और शृंगार के संगम के लिए स्मरणीय।

नवें दशक में उभरे कवि। दलित-संवेदना और सरोकारों के लिए उल्लेखनीय।

समादृत आलोचक। अज्ञेय द्वारा संपादित ‘तार सप्तक’ के कवि। साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित।

'राधास्वामी सत्संग' के प्रवर्तक। सरस और हृदयग्राह्य वाणियों के लिए प्रसिद्ध।

भक्तिकाल से संबद्ध कवि-संगीतकार। स्वामी हरीदास के शिष्य। सम्राट अकबर के नौ रत्नों में से एक।

भक्तिकालीन कवि और गद्यकार। हिंदी की पहली आत्मकथा 'अर्द्धकथानक' के लिए स्मरणीय।

रीतिकालीन जैन कवि। संगीत, ज्योतिष और हिंदी, गुजराती, बंगला और फ़ारसी जैसी कई भाषाओं के जानकार।

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