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छतरपुर के रचनाकार

कुल: 2

दुर्लभ कवि-आलोचक। दो कविता-संग्रह—'नीली अथाह उक्ति' और 'तपते पंखों के रंग' तथा आलोचना की दो पुस्तकें—'नई कविता में बिंब का वस्तुगत परिप्रेक्ष्य' और 'अंतराल में' प्रकाशित।

शुक्लयुगीन हिंदी गद्यकार और ब्रज भाषा के कवि। गांधीवाद के अनुसरण और दलित सेवा के लिए भी उल्लेखनीय।

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