आए कहूँ अनंत विहार करि मंदिर में
aaye kahun anant wihar kari mandir mein
आए कहूँ अनंत विहार करि मंदिर में,
सामुहै झमकि छवि दामिनी की छौरै है।
आरस-बलित बागौ मगरजी ढीली पाग,
बदन चंद्र भाल भौहन के कोरै हैं॥
भरम खुल्यौ न अंग परसत मोहिनी कौ,
लछिराम सान सँग मोहन मरोरै हैं।
लोचन सुरंग हेरि बाल के सरोष मानी,
रंगसाज मदन मजीठ रंग-बोरै हैं॥
- पुस्तक : रीति श्रृंगार (पृष्ठ 239)
- संपादक : डा० नगेंद्र
- रचनाकार : लछिराम
- प्रकाशन : साहित्य-सदन
- संस्करण : 1963
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