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ये बदली दीवानी है

ye badli diwani hai

सौम्य मालवीय

अन्य

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सौम्य मालवीय

ये बदली दीवानी है

सौम्य मालवीय

और अधिकसौम्य मालवीय

     

    मेरी बेटी चिया और मैं, दिन भर बारिश के इंतज़ार के बाद

    कैसी आनाकानी है
    ये बदली बेमानी है
    गरज रही है दिन भर से
    बौराई-पगलानी है

    एक बूँद भी गिरी नहीं
    यूँ गैलन भर पानी है
    शहरों-शहरों घूम चुकी
    दिल्ली में सुस्तानी है

    दिखती बड़ी सयानी थी
    पर ये तो दीवानी है
    बैठी है मीनारों पे
    इल्तुतमिश की नानी है

    क्या सुंदर सँवलाई थी
    अब तबियत नूरानी है
    फिर भी यूँ इठलाए है
    ज्यूँ ज़िल्ले-सुब्हानी है

    पेंशनगो सब फ़ेल हुए
    अपने मन की रानी है
    बरसे चाहे भाप बने
    यहीं कहीं रह जानी है

    किन नदियों से आई थी
    किन बागों को जानी है
    किस अम्बर पे छाई थी
    किस दरिया से छानी है

    दिल को हमने समझाया
    बदली नहीं कहानी है
    किसी गीत का टुकड़ा है 
    किसी मीत की बानी है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सौम्य मालवीय
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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