स्त्री कलाकार के साथ सवाल-जवाब
stri kalakar ke saath saval javab
कलाकार : पिछले दिनों मैं निरर्थक, क्षरणशील देह को लेकर काम कर रही थी, इसके अलावा, मेरी रुचि रिश्तों में रही है—ख़ासकर अवैध रिश्तों में।
कला-प्रदर्शनी में अपने पिता की तस्वीरों को शामिल करने के पीछे यही कारण है। हाँ, वे यहाँ हैं। पूरी तरह से कमज़ोर, एथेरोस्क्लिरोसिस और एल्जाइमर से पीड़ित… उनके गले के नीचे तक लार बह रही है। लेकिन आजकल मैं नए प्रेरणास्रोत खोज रही हूँ।
प्रश्न : क्या प्रकृति आपको प्रेरित करती है?
कलाकार : प्रकृति?
प्रश्न : हाँ, आप जानती हैं कि सर्दी के मौसम में यह बहुत सुंदर हो जाती है। पेड़ जम जाते हैं और उनकी शाखाओं पर शीशे जैसी शानदार आकृतियाँ बन जाती हैं। जैसे महीन बर्फ़ से बने देवदारु-शंकु और अगर आप उनके बीच में से देखेंगी तो आपको अँधेरा दिखेगा। इसमें शायद आपकी दिलचस्पी हो।
कलाकार : आकृतियाँ हुँह? देवदार के शंकु। मैं नहीं जानती। शायद… शायद… कौन जानता है।
- पुस्तक : सदानीरा पत्रिका
- संपादक : अविनाश मिश्र
- रचनाकार : पोलिना बर्स्कोवा
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