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हँसना

hansna

यह सोचकर हँसना कि

मारे जाओगे

सम्राट के रंगमहल में मत हँसना

उसकी दीवारें सुनती हैं

जिस आदमी को तुम नहीं जानते

उसके सामने क़तई मत हँसना

वह सम्राट का गुप्तचर हो सकता है

दोस्तों के सामने हँसना तुम्हें

संकट में डाल सकता है

वे मुख़बिर हो सकते हैं

चप्पे-चप्पे पर है सम्राट के जासूसों की नज़र

ड्रोन कैमरों से की जा रही है निगरानी

केवल सम्राट और उनके मुसाहिबों को है हँसने की छूट

बाक़ी जो हँसेगा उसे जवाबतलब कर लिया जाएगा

हँसना है तो नि:संगता में हँसो

वीराने में हँसो

बहुत ज़रूरी हो तो नींद में हँसो

सार्वजनिक रूप से हँस कर क्यों

मुसीबत मोल लेना चाहते हो

सम्राट, हम और पर नहीं

अपनी ग़रीबी और लाचारी पर

हँसना चाहते हैं

इसलिए हमें माफ़ किया जाए

स्रोत :
  • रचनाकार : स्वप्निल श्रीवास्तव
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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