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शांति पर्व

shanti parv

आशीष त्रिपाठी

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आशीष त्रिपाठी

शांति पर्व

आशीष त्रिपाठी

और अधिकआशीष त्रिपाठी

     

    नवआगतों के बौद्धिक में देश धर्म संघ के प्रांत-प्रमुख का उद्बोधन

    खड़ा होता है 
    जो भी हमारे विरुद्ध 
    सबसे पहले 
    उसे गाली दो सेक्युलर कहकर 

    जो दुर्जन उठाता है 
    हमारे किसी कार्य या विचार पर प्रश्न
    उसके घर भेजो 
    सुयोधन सेना का कोई जवान 

    उसके हर विचार पर नज़र रखो 
    घृणा पैदा करो उसके प्रति 
    हू हू सेना को लगाओ  पीछे
    डर पैदा करो उसके लोगों के मन में

    सबसे अधिक ज़रूरी है 
    साबित करो उसे धर्म विरोधी
    इससे भी न चले काम 
    तो उसके राष्ट्र प्रेम पर संदेह पैदा करो लोगों के मन में 
    यह नुस्ख़ा अचूक है 
    काम करेगा प्रत्येक परिस्थिति में

    हू-हू करने और 
    सुयोधन सेना के डराने से नहीं डरे जो
    ऐसा आदमी ख़तरनाक हो सकता है 
    उसे देना होगा मोक्ष

    ध्यान रखो!
    किसी भी परिस्थिति में लोगों के मन में 
    उसके लिए सहानुभूति पैदा न हो 
    पहले एक बूढ़े की हत्या में धोखा खा चुके हैं हम 

    जारी रखना होगा उसके विरुद्ध प्रचार 
    मृत्यु के उपरांत भी

    यह भी याद रखो 
    उसकी हत्या के बाद का हमारा बयान पहले से तैयार होना चाहिए 
    हम उसकी हत्या की निंदा करेंगे 
    साथ ही कहेंगे यह भी
    उसे अतिवादी विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए था

    ऐसी प्रत्येक घटना के बाद 
    राष्ट्र, लोकतंत्र और संविधान की जय के नारे लगाना लाभदायक होता है
    इसमें चूक नहीं होनी चाहिए

    इस तरह हम चहुँ और शांति स्थापित कर देंगे 
    आप जानते ही हैं हम शांति को कितना महत्व देते हैं

    आइए 
    समवेत स्वर में 
    शांति मंत्र का पाठ करें

    स्रोत :
    • रचनाकार : आशीष त्रिपाठी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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