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फोर्तिन ब्रास का शोक गीत

phortin braas ka shok geet

अनुवाद : हरिमोहन शर्मा

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

फोर्तिन ब्रास का शोक गीत

ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

और अधिकज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

    अब जब हैं अकेले कर सकते बातचीत राजकुमार !

    जैसा करता आदमी, आदमी से

    हालाँकि सीढ़ियों पर पड़े हो दिखते बेजान चींटी जितने

    बन गए हो टूटी किरणों वाले सूर्य की तरह

    कभी सोच नहीं सकता था तुम्हारे मुस्कान रहित हाथ

    अब जब पड़े हैं पाषाण पर नुचे घोंसलों की तरह

    उसी तरह हैं अरक्षित जैसे पहले होते थे / अंत है निश्चय ही यह

    हाथ पड़े हैं अलग, तलवार पड़ी है अलग, सिर अलग

    और योद्धा के पाँव मुलायम जूतियों में।

    तुम्हारी अन्त्येष्टि होगी योद्धा की तरह। बेशक तुम थे योद्धा

    यही एक रस्म है यत्किचिंत् जानता हूँ जिसके बारे में

    नहीं होंगी मोमबत्तियाँ, शोक गीत बस होंगे, पलीतें

    कनफोड़ आवाज़ें

    सड़क के पत्थरों पर खिंचा होगा काला कफ़न / होंगी फौलादी—

    टोपियाँ / नाल ठुके जूते / तोप खींचने घोड़े दमामे नहीं

    जानता नज़ाक़त

    यह होगा मेरा युद्धाभ्यास शासन करने से पहले

    शहर को गर्दन से पकड़ना ज़रूरी है और थोड़ा झटका देना भी

    हर हाल में मरना था हैमलेट / नहीं थे तुम ज़िंदगी के वास्ते

    मिट्टी की पकड़ की बजाए करते थे विश्वास संगमरमरी कल्पनाओं में

    हमेशा रहे ऐंठे जैसे सपने में करने जा रहे हो शिकार ब्रह्मराक्षसों का

    चबाई तुमने हवा भेड़ियों की तरह उल्टी करने के लिए

    तुम नहीं जानते थे इंसानी कोई काम यहाँ तक कि साँस लेना भी

    मिल गई है शांति हैमलेट / पा लिया जो प्राप्य था तुम्हारा

    तुम्हारे पास है शांति / शेष है सन्नाटा जो मेरा है

    चुना तुम ने आसान हिस्सा, आकर्षक प्रहार

    पर क्या है वीरोचित मृत्यु: शाश्वत् अवलोकन के समक्ष

    एक हाथ में ठंडा सेब, तंग कुर्सी

    चींटियों की बांबी और घड़ी का डायल

    अलविदा शहज़ादे! इंतज़ार करती मल निकास परियोजना

    वेश्याओं और भिखारियों पर एक विधेयक

    मुझे सोचनी है एक उम्दा व्यवस्था जेलों की

    तुमने ठीक ही कहा था कि डेनमार्क एक क़ैदख़ाना है

    जाता हूँ अपने काम पर / आज जन्मा है

    हैमलेट नाम का नक्षत्र / हम कभी नहीं मिलेंगे

    जो कुछ बचेगा मेरे बाद वह त्रासदी का विषय होगा

    हमें नहीं करना अपना स्वागत या विदाई / रहते हैं हम दीप

    समूहों पर

    वह पानी और ये शब्द क्या कर सकते हैं

    क्या कर सकते हैं शहज़ादे!

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 176)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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