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मेरा नायक

mera nayak

राजेश कमल

अन्य

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राजेश कमल

मेरा नायक

राजेश कमल

और अधिकराजेश कमल

    पड़ोसियों ने पर्चा बाँटा

    रिश्तेदारों ने कन्नी काटी

    जाने पिता ने कितनी बार डाँटा

    नहीं शामिल हुआ किसी भेड़चाल में

    नही आया किसी भीड़ के दबाव में

    किसी ने कहा कलंक जाति का

    तो किसी ने धर्म का कलंक बताया

    कोई भी जतन कर ले

    भद्र पुरुष की पोशाक में

    आततायी नायक नहीं हो जाता

    कोई भी जतन कर ले

    मक्कारों में नहीं दिखता नायक का अक्स

    और जतन करके भी सही

    अगर नायक के आसन पर बैठ जाए हत्यारा

    तब भी वह हत्यारा ही हुआ न?

    कोई बताए आख़िर

    गांधी की हत्या को जिसने वध कहा

    उसे कैसे मान लूँ अपना नायक?

    स्रोत :
    • रचनाकार : राजेश कमल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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