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क्षमा करब हे बापू

kshama karab he bapu

मुख्तार आलम

अन्य

अन्य

मुख्तार आलम

क्षमा करब हे बापू

मुख्तार आलम

और अधिकमुख्तार आलम

    क्षमा करब हे बापू

    आब अहीँक देशमे

    सत्य अहिंसाक

    उड़ाओल जा रहल अछि धज्जी

    मृत्युक भए रहल अछि

    नांगट नाच

    'यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते

    रमन्ते तत्र देवताः'

    दुबकि गेल अछि स्मृति पुराणमे

    सत्ताक संरक्षणमे

    स्त्री समाजक भए रहल अछि

    शील भंग

    हम असहाय बनल

    अनिमेष देख रहल छी अपने दिस

    कोनो आश्वासन लेल

    क्षमा करब हे बापू

    आब अहीँक देशमे

    हत्यारा, बलात्कारीक होइछ

    महिमा मंडन स्वागत

    फूल मालासँ

    भगवानक पवित्र नामक उच्चारण संग

    मारल जा रहल अछि निर्दोष।

    स्रोत :
    • पुस्तक : परिचय बनैत शब्द (पृष्ठ 104)
    • रचनाकार : मुख्तार आलम
    • प्रकाशन : मुख्तार आलम
    • संस्करण : 2021

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