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होसे दोलोरेस एस्त्रादा

hose dolores estrada

अनुवाद : सुरेश सलिल

अर्नेस्तो कार्देनाल

अन्य

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अर्नेस्तो कार्देनाल

होसे दोलोरेस एस्त्रादा

अर्नेस्तो कार्देनाल

और अधिकअर्नेस्तो कार्देनाल

    (निकारागुआ के समस्त निर्वासितों के लिए)

    अप्रैल 1812 के असफल विद्रोह में, झाल्तेवा की सड़कों पर

    वह इस्पहानी गवर्नर के ख़िलाफ़ लड़ा था।

    लेकिन यह उसकी बहादुरी का सबूत नहीं—

    तब वह छोकरा था

    अगुआ दूसरे लोग थे।

    बाद में सान हेसिंत की लड़ाई में उसने यांकियों को पटखनी दी।

    तब वह जनरल था, लेकिन यह भी अकेले उसकी बहादुरी का

    सबूत नहीं,

    किसान और सिपाही भी लड़े थे।

    अब एक बूढ़ा आदमी—

    राष्ट्रपति (अपने ख़ास दोस्त) के पुनर्निर्वाचन का

    विरोध करने की वजह से जलावतनी में दिन काटता हुआ।

    बूढ़े आदमी ने कोस्ता रिका से दोस्तों को ख़त लिखे—

    मैं यहाँ एक ज़मीन के टुकड़े की जुताई-गुड़ाई में लगा हूँ,

    देखता हूँ, शायद तंबाकू की फ़सल उगाई जा सके!

    और यह उसकी बहादुरी का सबसे बड़ा सबूत था

    क्योंकि यह उसकी सबसे मुश्किल लड़ाई थी,

    एक ऐसी लड़ाई, जो किसी जनरल, या सिपाहियों,

    या रणसिंघों, या फ़तह के बिना उसने अकेले

    और चुपचाप लड़ी थी।

    स्रोत :
    • पुस्तक : रोशनी की खिड़कियाँ (पृष्ठ 347)
    • रचनाकार : अर्नेस्तो कार्देनाल
    • प्रकाशन : मेधा बुक्स
    • संस्करण : 2003

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