Font by Mehr Nastaliq Web

हँसी

hansi

विजेता चौधरी

अन्य

अन्य

और अधिकविजेता चौधरी

    1.

    हँसी मात्र एक व्यायामक प्रक्रियामे सीमित भऽ गेलैक

    हाथ उठाउ ठहाका लगाउ

    2.

    आइ-काल्हि शहर-बजारमे चेहरा सभ शुष्क छैक

    आँखि सभ स्तब्ध छैक

    नहि छैक कतहु हँसीक अवशेषो धरि

    जानि नहि के लूटिकऽ लऽ गेलैक

    मनुक्खक चेहरासँ आदिम हँसी

    गाम-घरसँ मुस्कान सभ उड़ि गेल छैक

    शहर-बजारसँ हँसी विलुप्त छैक

    आब चाहक दोकानपर ठहक्का नहि सुनाइ पड़ैछ

    पान दोकानक हँसी-मजाक सभ मसोमात भऽ गेल छैक

    बच्चा सभक मुँहपर आब पहिने सन चन्द्रमा नहि उभरैत छैक

    तरुणी सभ सेहो छोड़ि देलक अछि उन्मुक्त हँसी

    जंगलक फूल सभ जहियासँ हँसब छोड़ि देने छैक

    सम्भवतः तहियेसँ हँसी विलुप्त छैक

    वा सीताक हरण कऽ रावण जहिया अट्टहास लगौने छल

    सम्भवतः तहियेसँ गायब छैक निर्मल मुस्कान

    सुनीता जाहि दिन पड़ल छल बलात्कारमे

    सम्भवतः तहियेसँ ठोरपरक बलत्कृत हँसी खसि पड़ल छैक कतहु

    वा भऽ सकैछ

    ढेगरी देवी जाहि दिन झोंकल गेल छलीह जीवित दावानलमे

    सम्भवतः तहियेसँ हँसी आगिमे डहि गेल छैक

    कहि नहि

    सम्भवतः माओवादीक संगहि जंगल पैसि गेल हो घर-घरसँ हँसी सभ

    किंवा सेनाक बैरकमे दफन छैक की कतहु हँसी

    जानि नहि जंगल केर कोन गाछपर

    गामक कोन खेतमे

    दफन छैक

    गाड़ि देल गेल छैक स्वच्छन्द हँसी सभ

    हम हँसीक उत्खनन करैत

    स्वयं आदिम बनि गेल छी

    मुदा अहँ, नहि भेटल कतहु

    हँसीक अवशेषो धरि बाँकी

    भऽ सकैछ लंदन केर कोनो म्यूजियममे

    सुरक्षित राखल हुअय

    हमरा सभक आदिम हँसीक अवशेष

    सम्भव छैक!

    स्रोत :
    • पुस्तक : धाराक विरुद्ध (पृष्ठ 83)
    • रचनाकार : विजेता चौधरी
    • प्रकाशन : नवारम्भ
    • संस्करण : 2019

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY