देशप्रेम

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प्रीति चौधरी

प्रीति चौधरी

देशप्रेम

प्रीति चौधरी

और अधिकप्रीति चौधरी

    जी बहुत प्यार है मुझे देश से

    सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के इंतज़ार में

    ठीक से बैठती भी नहीं मैं

    बावन सेकेंड पूरी श्रद्धा से

    दम साधे गाती हूँ राष्ट्रगान

    सुगंध से देशभक्ति की भर जाता है थिएटर

    पापकॉर्न, नैचोज और कॉफ़ी की गंध छाने तक

    क़ायम रहती है देशभक्ति की सुगंध

    बावन सेकेंड तक थम जाते हैं

    व्हाट्सऐप, फ़ेसबुक, टि्वटर

    राष्ट्रगान के बाद उठती है

    एक तेज़ आवाज़ कोने से

    भारत माता की जय

    भौंचक, विचलित करने वाली आवाज़

    तेज आवाज़ वाले इस शख़्स को पहचानती हूँ

    विकास प्राधिकरण के बाबू की परिचित ठसक

    नगर निगम, लोक निर्माण विभाग के

    अधिकारियों की आवाज़ों में बसी धन की धमक

    सरकारी ठेकेदारों का अपना रोब

    और मल्टीप्लेक्स में उमड़ी देशभक्ति

    सड़क और पुल में अपना हिस्सा सबसे पहले लेने वाले

    अभियंता भी खड़े होते हैं राष्ट्रगान पर

    सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन के ज़िम्मेदार

    मंत्री और नौकरशाह भी

    खड़े होते हैं तनकर

    एक चाह-सी जगती है

    असंभव-सी उत्कट कामना मन की

    जब गाएँ ये राष्ट्रगान

    इनकी आत्मा की हलचलें की जाएँ स्कैन और

    इन्हें किया जाए लिंक आधार से

    देशहित में बेहद ज़रूरी है कि जाना जाए

    राष्ट्रगान में आने वाले जन-गण-मन पर

    इनकी आँखें शर्म से झुकती हैं या नहीं

    इनका ख़ून थोड़ा जमता है क्या

    ये जानना हमारा फ़र्ज़ है आख़िरकार

    देश के सम्मान का मतलब है क्या?

    स्रोत :
    • रचनाकार : प्रीति चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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