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दहेजु न हम माँगी

daheju na hum mangi

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

दहेजु न हम माँगी

जगजीवन मिश्र ‘जीवन’

और अधिकजगजीवन मिश्र ‘जीवन’

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार

    लड़किनिया एम. ए. पास चहीं

    लड़िकवा गुलरिक जइसो फूल हइ हमार

    लड़िकिनिया एम. ए. पास चहीं

    दान दहेज नाय हम माँगिति कुछु ना तुम हमका दीन्हुउ

    नवा जबाना ठाट-बाट हइ यहउ जानि तुम लीन्हेउ

    लड़िकवक दइ दीन्हुउ तुम केवल अल्टो कार

    लड़किनिया एम. ए. पास चहीं

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार...

    बिटिया बदि लेबइ करिहौ तुम झुमकी कंगना बाला

    साड़ी कपड़ा पैलइ ल्याहउ मोतियन के झाला

    औ—तुम लइ दीन्हेंउ बसि सोने केरो हार

    लड़किनिया एम. ए. पास चहीं

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार...

    बिटिया की सुविधा खातिर फ्रिज कूलर पंखा ल्याहउ

    अलमारी, बेड, सोफासेट, वासिंग मसीन दइ द्याहउ

    बिटियकि देखिबे बदि लइ दीन्हेंउ बी. सी. आर

    लड़किनिया एम.ए. पास चही

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार...

    नेग जोग मा खूब लुटाएउ चहइ लेहेउ तुम कर्जा

    जानति हौ हइ गाँव भरे मा ऊँच हमारउ दर्जा

    केरावकि दीन्हेंउ केवल बानबे हजार

    लड़िकिनिया एम. ए. पास चहीं

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार...

    मोहरे की इज्जति बदि तुम खाना स्टैन्डिंग रखिहौ

    जयमाला सिस्टम महियाँ कुछु हमरिउ वर का देखिहौ

    बरातिन कहियाँ देबै करिहउ उपहार

    लड़किनिया एम. ए. पास चहीं

    दहेजवा वालेन ते हमारी तकरार...

    स्रोत :
    • पुस्तक : सिरका (अवधी गीत संग्रह) (पृष्ठ 14)
    • रचनाकार : जगजीवन मिश्र ‘जीवन’
    • प्रकाशन : भगवत मेमोरियल इंटर कॉलेज समिति, मिश्रिख, सीतापुर
    • संस्करण : 2015

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