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छायाओं की दुनिया

chhaayaa.o.n kii duniyaa

हंस माग्नुस एन्त्सेंसबर्गर

हंस माग्नुस एन्त्सेंसबर्गर

छायाओं की दुनिया

हंस माग्नुस एन्त्सेंसबर्गर

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    1

    यहाँ, मैं अब भी देखता हूँ

    एक स्थान

    यहाँ, इस छाया में

    2

    यह छाया

    बिकाऊ नहीं है।

    3

    समुद्र भी

    शायद एक छाया गढ़ता है

    और वक़्त भी...

    ...शायद!

    4

    छायाओं का युद्ध

    एक खेल है

    क्योंकि कोई भी छाया

    दूसरे के हिस्से की रोशनी में

    खड़ी नहीं होती।

    5

    वे लोग

    जो छायाओं में रहते हैं

    उनकी हत्या

    मुश्किल है।

    6

    ज़रा देर के लिए

    मैं अपनी छाया से बाहर

    निकलता हूँ

    —ज़रा देर के लिए

    7

    वे लोग

    जो रोशनी देखना चाहते हैं

    ठीक उसी तरह

    जैसी रोशनी होती है

    तो उन्हें छाया में

    गुम हो जाना चाहिए।

    8

    छाया

    सूरज से भी अधिक चमकदार,

    छाया,

    स्वतंत्रता की

    ठंडी छाया।

    9

    छाया में

    पूरी तरह

    मेरी छाया

    ग़ायब हो जाती है।

    10

    छाया में

    अब भी,

    अभी तक जगह है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्यास से मरती एक नदी (पृष्ठ 126)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : हंस माग्नुस एन्त्सेंसबर्गर
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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