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बर्बारीय कविताएँ

barbariy kavitayen

अनुवाद : सईद शेख़

किरसी कुन्नस

किरसी कुन्नस

बर्बारीय कविताएँ

किरसी कुन्नस

और अधिककिरसी कुन्नस

    भीषण धुनों के तहत

    गरजते हुए विलास के तहत

    उबल पड़ता है स्याह सौभाग्य

    हँसी और मुस्कुराहट से भरपूर।

    शरीर का तनावपूर्ण धनुष,

    हाथों का आश्चर्यजनक स्पर्श,

    भोंपू का प्रतीक्षारत क्षण

    और नगाड़ों की दूर से आती गड़गड़ाहट

    मैं हँसती हूँ...!

    अचानक ही पीड़ा ज्ञान है

    और प्रेम खंडित जिह्वा।

    स्रोत :
    • पुस्तक : सूखी नदी पर ख़ाली नाव (पृष्ठ 420)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : किरसी कुन्नस
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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