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बाट धने-धेने

baat dhane dhene

गंगेश गुंजन

अन्य

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गंगेश गुंजन

बाट धने-धेने

गंगेश गुंजन

और अधिकगंगेश गुंजन

    एकटा डूमल सड़ककेँ

    पार करैत कहुनाक' पहुँचल ही एहि ठाम

    एत सड़क सब पर्यंत

    हमरा गामक नीपल बहारल असोरा-आँगनसँ बेशी

    चिक्कन चक-चक छैक।

    अन्हरिया रातिमे सेहो झक-झक इजोरिया

    पसरल भेटत सड़के सड़क।

    मन कए बेर ततेक हूस होइ-ए

    होइ-ए जे मृत भ' गेलहुँ—समाप्त

    तखनहुँ गामक ड्रमल सड़के पड़ै-ए मन

    गार्जियन जकाँ—स्कूल फीस जमा करबाक दिन जकाँ

    जानि नहि बनल कि नहि

    गामक खड़ंजा एहू वर्ष पक्की।

    मरणासन्न दुःखाक्रांत प्राणमे अबै-ए ओकरे चिन्ता

    ओएह डुबलाही टुटलाही सड़क तखन

    दरभंगाक उमा टाकिज वला सड़क

    भेलैक कि नहि तकरो मरम्मति?

    आकि छैक ओहिना कारी माटि-कादोक

    गंध करैत खाधि खूधि उखड़ल रोड़ासँ

    तोड़िये रहल छैक दरभंगिया रिक्शावलाक करेज?

    अनचोखे एतबहि मात्र सेँ

    फुरफुरा उठल-ए मन, आइ एहि भोर—

    बाँचल छी एखनहुँ

    भेल नहि छी एकदम समाप्त।

    मनमे एखनहुँ भेल-ए प्रथम—

    गामेक सड़कक चिन्ता स्मरण

    ओएह टुटलाही बाढ़िमे हुमलाही सड़क

    जाहि परसँ पहुँचल छी—एकतालीसवर्षं आगँ

    एत' मनुक्ख भक्षी महानगर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आरम्भ (पृष्ठ 15)
    • संपादक : राज मोहन झा
    • रचनाकार : गंगेश गुंजन
    • प्रकाशन : आरम्भ
    • संस्करण : 1997

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