एक रोज कय बात बताई अइस भवा संजोग
एक जगह पे भये इकट्ठा तीन देस के लोग
रूसी बोला कत्ल डकैती चहय जउन होय मिस्टर
हमरी पूलिस पकड़ि लेत हय पाँच रोज के अन्दर
जर्मनी बोला पुलिस मोहकमा हमार हय तुंहसे बेहतर
हर मुजरिम का पकड़ि लेत हय दुइयइ दिन के अन्दर
भारतीय बोला मोरे पुलिस कय करो प्रसंसा पहिले
हर यक केस का जानि जात हय चौबिस घंटा पहले
- पुस्तक : जियौ बहादुर खद्दरधारी (पृष्ठ 64)
- संपादक : अटल तिवारी, अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी
- रचनाकार : रफ़ीक़ शादानी
- प्रकाशन : परिकल्पना, दिल्ली
- संस्करण : 2025
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