अपना घरक सपना
apna gharak sapna
बौआक बाबूक आँखिक
सपना बनल अछि
एकटा घर/अपन घर
जकर हवा अपन हो
सूर्यक रोशनीक संग
चन्द्रमाक हँसी अपन हो
जकर भीत आ चार
अपना हेबाक सहारा दिअय हरदम
समयक तेज तूफान मे
जकर नियों भसिया नहि जाय कहियो
घर खाली करबाक
मकान मालिकक/तेज तलवार नहि हो माथ पर
एडवांस जमा करैक लेल
चिन्ताक चानन नहि हो कपार पर
एहन एकटा घर हो/अपन घर
मुदा आँटा चाउरक दाम
स्कूलक फीस/बिजलीक बिल
मकानक किराया/जोड़िते-जोड़िते हुनकर बजट
गड़बड़ा जाइत छनि सब बेर
ओ सोचैत छथि सब बेर
एहि बेर किछु बचायब
मुदा वर्त्तमान/भविष्यक परवाहि कहाँ करैत अछि
पछरि जाइत छथि सब दिन
रुपैया-रुपैयाक हिसाब
बराबर भऽ जाइत अछि सब बेर
सब बेर ओ अपना पेन्ट शर्टक मादे सोचैत छथि
मायक साड़ी लेल औनाइत छथि
बाबूक तमाकुलोक खर्चा
भारी बुझना जाइत छनि
बेटाक नवका जूता लेल
पाइ नहि बचा पबैत छथि
हमर इच्छा आ आकांक्षा तऽ कोनो अर्थे नहि रखैत अछि
मोन पड़ैत अछि/बच्चा मे बनबैत रही
माटिक घेरावला घर
ओहि घर मे
एकटा भनसा घर रहय
तकर सटले रहय भगवतीक घर
ओहने एकटा घर हुअय
जाहि मे खपटा-खुपटी खेलाइ
साँझ कोबर सँ लऽ कऽ
पराती भजन तक गाबी
आ भोर होइत देखी जे
घर तहस-नहस भेल अछि
कत्तौ नहि बाँचल अछि अवशेष
अपना घरक
डर लगैत अछि—
हेरा नहि जाय कहियो एहिना
रातिक अन्हार में देखल
दिनक इजोत मे
अपना घरक सपना
एकदिन
- पुस्तक : समयसँ संवाद करैत (पृष्ठ 1)
- रचनाकार : कामिनी
- प्रकाशन : स्मृति प्रिंटर्स एण्ड पब्लिशर्स
- संस्करण : 2008
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