उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया
unka dava muflisi ka morcha sar ho gaya
अदम गोंडवी
Adam Gondvi

उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया
unka dava muflisi ka morcha sar ho gaya
Adam Gondvi
अदम गोंडवी
और अधिकअदम गोंडवी
उनका दावा मुफ़लिसी का मोर्चा सर हो गया
पर हक़ीक़त ये है मौसम और बदतर हो गया
बंद कल को क्या किया मुखिया के खेतों में बेगार
अगले दिन ही एक होरी और बेघर हो गया
जब हुई नीलाम कोठे पर किसी की आबरू
फिर अहल्या का सरापा जिस्म पत्थर हो गया
रंग-रोगन से पुता पहलू में लेकिन दिल नहीं
आज का इंसान भी काग़ज़ का पैकर हो गया
माफ़ करिए सच कहूँ तो आज हिंदुस्तान में
कोख ही ज़रख़ेज़ है, एहसास बंजर हो गया
- पुस्तक : धरती की सतह पर (पृष्ठ 47)
- संपादक : ओम निश्चल
- रचनाकार : अदम गोंडवी
- प्रकाशन : सर्वभाषा प्रकाशन
- संस्करण : 2023
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