देहरिकेर पारसँ एक किरिन आयल
गीत-गीत भेल हमर सगरे घर-आंगन
सोनजूही रोपब एहिठाम उगत अमलतास
गुलमोहर-रंगमे नहायत सबतर बसात
तुलसी-चौरा पर ई दीप झिलमिलायत
मीठ-मीठ भेल पोर-पोर देह आ मन
नील रंग अंगा सूखल कात एहि दलान
बेटीक हँसी जेना फूलपात ओ मखान
पछिला ओ यादि जुहिक डारिसँ फुलायल
नीक-नीक लगल हिलब हाथक ई कंगन
बाबूजी पढ़ता एहिठाम कबीर-रैदास
दफतर के कागज-पत्तरमे नहि ई उजास
अगिला वसन्त तरहथपर सुगबुगायल
आँचरमे अतरक दाग करय सुन-गुन
भोरक ई नरमी रातिभरिक उमस-बाद
बेटाक पहिल-पहिल दरमाहा केर प्रसाद
हमर नीन आ हुनकर सपना सगुनायल
भने-भने भेल हमर छन्द रचल-बसल दिन
- पुस्तक : मेघ इन्द्रनील (पृष्ठ 36)
- रचनाकार : शान्ति सुमन
- प्रकाशन : अभिधा प्रकाशन
- संस्करण : 2005
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