Font by Mehr Nastaliq Web

काल करम गुन दोष जग

kal karam gun dosh jag

तुलसीदास

तुलसीदास

काल करम गुन दोष जग

तुलसीदास

और अधिकतुलसीदास

    काल करम गुन दोष जग, जीव तिहारे हाथ।

    तुलसी रघुबर रावरो, जानु जानकीनाथ॥

    तुलसी कहते हैं कि हे रघुनाथजी! काल, कर्म, गुण, दोष, जगत्-जीव सब आपके ही अधीन हैं। हे जानकीनाथ! इस तुलसी को भी अपना ही जानकर अपनाइए।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दोहावली (पृष्ठ 63)
    • रचनाकार : तुलसीदास
    • प्रकाशन : मोतीलाल जालान गीताप्रेस गोरखपुर

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY