जैसलमेर के रचनाकार

कुल: 4

साहित्य की प्रेमाख्यान परंपरा के कवि। लोक कंठ में व्याप्त 'ढोला-मारू रा दूहा' प्रसिद्धि का आधार ग्रंथ।

नई पीढ़ी के कवि। गद्य-लेखन और फ़ोटोग्राफ़ी में भी सक्रिय।

राजस्थान के पाँच पीरों में से एक। जाति से क्षत्रिय और वृत्ति से संत। हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के सबसे बड़े पक्षधर। दोनों धर्मों में समान रूप से पूज्य।

सुपरिचित राजस्थानी कवि-अनुवादक। कविता में लोकजीवन और संस्कृति के निरूपण के लिए उल्लेखनीय।

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

पास यहाँ से प्राप्त कीजिए