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वागीश शुक्ल

1946 | उत्तर प्रदेश

समादृत आलोचक। प्रतिनिधि आलोचनात्मक निबंधों का चयन 'प्रतिदर्श' शीर्षक से प्रकाशित।

समादृत आलोचक। प्रतिनिधि आलोचनात्मक निबंधों का चयन 'प्रतिदर्श' शीर्षक से प्रकाशित।

वागीश शुक्ल का परिचय

मूल नाम : वागीश शुक्ल

जन्म : 09/07/1946 | उत्तर प्रदेश

हिंदी के समादृत लेखक-आलोचक वागीश शुक्ल का जन्म 9 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले में हुआ। आई.आई.टी दिल्ली में गणित के प्रोफ़ेसर वागीश शुक्ल के पिता संस्कृत के आचार्य रहे। साहित्य के प्रारंभिक संस्कार उन्हें पिता से ही मिले। हिंदी, संस्कृत, फ़ारसी और अँग्रेज़ी वाङ्मय के गहरे और गंभीर अध्येता वागीश शुक्ल पहली पुस्तक में साहित्य के अनेक मूलभूत प्रश्नों पर वैचारिक निबंध हैं।

उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं : 'शहंशाह के कपड़े कहाँ हैं’, 'छंद-छंद पर कुमकुम’, 'प्रतिदर्श', 'आहोपुरुषिका'। 'छंद-छंद पर कुमकुम’ निराला की सुदीर्घ कविता 'राम की शक्ति पूजा’ की अद्वितीय टीका है। आधुनिक समय में ऐसा कोई वैचारिक उद्यम किसी अन्य भारतीय लेखक ने इस स्तर का नहीं किया है। यह टीका निराला की इस महत्त्वाकांक्षी कविता को भारतीय साहित्य की देशी और मार्गी परंपरा के परिवेश में अवस्थित कर उसकी अर्थ समृद्धि को सहज उद्घाटित करती है। 

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