एक थी सीता
कर्म से ग्वाले, क्षत्रिय कुल के सुमंत्र की सुगठित सुंदरी सीता और उसके दोनों पतियों (अगर पति कहना ही अपरिहार्य हो तो) की कहानी ऐसी है कि श्रोता से श्रेष्ठ मानसिक बल व माया के विविध रूपों की प्रतिक्रिया में अविचलित रहने की माँग करती है।
स्मृति के अंतर्गत